
खरगोन जिले के जल स्त्रोत का जल स्तर कम होने एवं आगामी माहों में पेयजल एवं निस्तार के लिए जल की कमी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को देखते हुए कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने पेयजल परिरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सम्पूर्ण खरगोन जिले का आगामी आदेश तक के लिए जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है और 15 जुलाई तक जिले के किसी भी क्षेत्र में नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है।
इस संबंध में दिये गए आदेश में कहा गया है कि जिले में स्थित नदी, तालाबों, कुऐ एवं नलकूप आदि समस्त जल स्त्रोतो में संग्रहित जल को जनहित में जनता के पेयजल, घरेलू उपयोग एवं निस्तार हेतु सुरक्षित रखा जाना आवश्यक हैं। अतः जिले में नर्मदा नदी को छोड़कर पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के तहत आगामी आदेश पर्यन्त तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाता है। जिले में 15 जुलाई, 2025 तक की समयावधि में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के किसी भी क्षेत्र में नलकूप खनन प्रतिबंधित रहेगा। केवल शासकीय विभाग द्वारा पेयजल व्यवस्थाओं के लिए खनन किये जाने वाले नलकूपों की अनुमति रहेगी. तथा अन्य प्रयोजन हेतु नलकूप खनन की अनुमति क्षेत्र के संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा प्रदान करने पर ही खनन कार्य किये जाएंगे।
पेयजल परिरक्षण अधिनियम के लागू होने से जिले में बहने वाली नदियों, नालो (नर्मदा नदी को छोड़कर) से पेयजल एवं निस्तार के उपयोग के अतिरिक्त सिंचाई तथा अन्य प्रयोजनों के लिए जल का उपयोग प्रतिबंधित किया गया हैं। नदी नालो में बह रहे जल की रोक के लिए संबंधित विभागों को कड़ी शटर लगाने के निर्देश दिये गए हैं। यह आदेश नर्मदा नदी पर प्रभावशील नहीं हैं। यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है। इस आदेश का उल्लंघन होने पर संबंधित के विरुद्ध पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत दण्डनीय कार्यवाही की जाएगी।